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Saturday, January 28, 2012

मनतारा


चिड़ियों  की  चीं-चीं , चन-चन
भ्रमरों  का  है  गुन-गुन , गुंजन
कलियों की  चट-चट , चटकन
मानो  मंजरित हुआ  कण-कण

न  शीत की  वह प्रबल कठोरता
न ही  ग्रीष्म की है  उग्र उष्णता
मद्धम- मद्धम   पवन  है  पगता
मधुर- मधुर  है मलय महकता

मधुऋतु का  फैला है सम्मोहन
मंगल- मँजीरा  बाजे  झन-झन
ताल पर  थिरके  बदरा सा तन
मन-मयूर संग नाचे  छम-छम

प्रकृति  से  मुखरित  हुआ गीत
मदिर- मादक  बिखरा   संगीत
अँगराई  लिए  कह  रही है  प्रीत
स्वर साधो , मनतारा  छेड़े मीत .

52 comments:

  1. sundar rachna.basant ki aahat...

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  2. सच में प्रकृति कुछ इसी तरह के भाव से मुखरित हो उठती है ....
    मादकता लिए हुए बयार जब चलती है ...उन्मत्त हो उठता है मन ....बसंत का यही भाव तो है ...!!
    आपकी लेखनी को माँ का वृहद् हस्त प्राप्त है ....निरंतर प्रगति के लिए अनेक शुभकामनायें ...

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  3. मधुऋतु का फैला है सम्मोहन
    मंगल- मँजीरा बाजे झन-झन
    ताल पर थिरके बदरा सा तन
    मन-मयूर संग नाचे छम-छम
    फूल फूल डाली डाली महके चहके ... ऋतुराज बसंत के आने की अलाकिक छटा

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  4. प्रकृति पूर्ण मदमायी इस क्षण..

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  5. मन को झंकृत करती रचना ..मनतारा ..बहुत सुन्दर ..

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  6. बहुत सुन्दर...
    आप और आपकी लेखनी पर माँ सरस्वती की कृपा सदा बनी रहे..
    शुभकामनाएँ...

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  7. basant ka sundar chitran .....bahut sundar !!!

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  8. बहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......
    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।

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  9. Amrita,

    SAB KI SAB REH GAYEE KAVITAYEIN PARHI. HAIYYA HO BAHUT HI UTSAH DILANE WALI HAI AUR FARMA AAJ KE ROZ KE MARAA MARI KA SUNDAR VARNAN HAI. BASANT RITU KA VYAKHYAN BAHUT ACHHI TAREHAN KIYAA HAI AAPNE.

    Take care

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  10. वसंत ऋतु के रंगों से निस्सृत सुंदर कविता.

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  11. sundar rachna
    bahut khoob
    http://drivingwithpen.blogspot.com/

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  12. वासन्तिक रंगो से सराबोर्।
    बसन्त पञ्चमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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    1. बसंत की छटा बिखर रही है ...बहुत मनमोहनी रचना है

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  13. man mein rang bhar gayee
    basant par rachnaa

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  14. बढिया रचना।

    वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।

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  15. बसन्त पंचमी की शुभकामनाएं .
    माँ सरस्वती की कृपा आप पर सदैव ऐसी ही बनी रहे .
    सभी गीतों की तरह यह भी सुगढ़ रचना .
    अशआर आपके अवलोकन के लिए मेरे ब्लॉग पर

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  16. मन क्यों न उमड़े, वसंत आया है। आपको वसन्त पंचमी की मंगलकामनाएँ!

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  17. मनतारा छेड़े गीत...
    बहुत ही सुंदर !
    बसंत पंचमी की शुभकामनाएं।

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  18. आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति
    आज चर्चा मंच पर देखी |
    बहुत बहुत बधाई ||

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  19. बहुत सुन्दर मनोहारी चित्रण
    सबकुछ एकदम नाचता .जगमगाता सा
    खुशनुमा अहसास से भरपूर सुन्दर रचना है
    वसंत पंचमी की हार्दिक शुभ कामनाएँ ....
    माता सरस्वती की कृपा आप पर बनी रहे...

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  20. अरे वाह...वसंत ऋतु की कविता..
    वैसे आज ही मालुम चला की पटना का मौसम बेहद अच्छा हो गया है आजकल :)

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  21. प्रकृति का बहुत सुन्दर शब्द चित्र, बसन्त की तरह मनभावन...

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  22. मनतारे पर सुंदर गीत ।

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  23. मादकता से बोराया तनमन .बस तन्मय हो गया .

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  24. बसंत का अदभुत वर्णन...

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  25. लो फिर बसंत आई....

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  26. बहोत अच्छे ।

    नया ब्लॉग

    http://hindidunia.wordpress.com/

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  27. प्रकृति का संगीत मन के तारों को झंकृत करता है।

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  28. Are u in Facebook or in twitter I want to follow you Over t......................

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  29. वसंत के भव्य एवं विस्तृत रूप का चित्रण

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  30. कोमल शब्दों व ध्वन्यात्मकता ने मन झंकृत कर दिया.वाह !!!!!!

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  31. सुंदर शब्दावली व कोमल पदावली ने वसंत को मुखरित कर दिया...आभार!

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  32. पीताम्बर ओढे हुए धरती मधुमास है
    अंबर की छांव तले छाया उल्लास है

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  33. बसंत का सुन्दर और मनमोहक चित्रण करती ये सुन्दर कविता....बहुत खूब|

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  34. बसंत की सुंदर छटा बिखेरती बहुत सुंदर रचना,बेहतरीन प्रस्तुति,बधाई

    welcome to new post --काव्यान्जलि--हमको भी तडपाओगे....

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  35. ऋतुराज का सुन्दर स्वागत ....

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  36. बसंत ऋतु का स्वागत करती सुन्दर रचना. जिसमे पंछियों का कलरव है और प्रकृति की सुन्दरता से भाव विभोर मन की सटीक अभियक्ति भी.

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  37. ख़ूबसूरत एवं मनमोहक गीत! मन प्रसन्न हो गया!

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  38. bahut hi sundar aur manbhaavan rahna.....

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  39. naye blog par aap saadar aamntrit hai....


    गौ वंश रक्षा मंच
    gauvanshrakshamanch.blogspot.com

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  40. हमारे शहर में तो शीत की प्रबल कठोरता जारी है :)
    मन वासंती रंग में डूबा तो वसंत कहाँ रहेगा पीछे !
    सुन्दर !

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  41. bahut sundar rachna

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  42. अनुपम गीत.
    पढकर मन में मधुर झंन झंन हो रही है.
    आपकी काव्य प्रतिभा कमाल की है,अमृता जी.
    बसंतोत्सव की शुभकामनाएँ.

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  43. स्वर साधो , मनतारा छेड़े मीत
    जी कोई तो धुन छेड़ो रे साथी :)

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  44. कल 17/02/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल (विभा रानी श्रीवास्तव जी की प्रस्तुति में) पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  45. बहुत ही सुन्दर वर्णन!

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  46. शब्द शब्द झनक रहे...
    खूबसूरत गीत...
    सादर

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  47. देर से आने के लिए माफी..प्रकृति का ्झंकृत ..बहुत सुन्दर...

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  48. अँगराई लिए कह रही है प्रीत.....

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